ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में दो बाघिनों की मौत!

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ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में दो बाघिनों की मौत!
नियमित समाचार :-
चंद्रपुर दिनांक 01/12/2022
दिनांक 30/11/2022 को शिवनी वन अभ्यारण्य के वासेरा प्रमंडल अंतर्गत वसेरा प्रमंडल के समूह क्रमांक 185 में बिट फारेस्ट गार्ड वासेरा एवं बिट मदनी 30/11/2022 को तडोबा-अंधारी टाईगर रिजर्व के बफर संभाग में गश्त कर रहे थे जब वे मृत पाये गये अपराह्न लगभग 03:00 बजे टाइगर (T75)… खबर सुनते ही मि. कुशाग्र पाठक, उप निदेशक (बफर) और डॉ. कुंदन पोडचालवार, पशु चिकित्सा अधिकारी ने घटना स्थल का दौरा किया और मौके की रिपोर्ट बनाई गई। मृत बाघिन की अनुमानित आयु 14-15 वर्ष थी। प्रथम दृष्टया उक्त बाघिन की मौत वृद्धावस्था के कारण स्वाभाविक प्रतीत हो रही है। साथ ही मृत बाघिन के आंतरिक अंग और त्वचा पूरी तरह से सड़ी हुई हालत में पाए गए, जबकि दांत और नाखून आदि बरकरार पाए गए। प्रथम दृष्टया यह देखा गया कि उक्त मामले में कोई शिकार या दुर्घटना नहीं हुई है।
दिनांक 01/12/2022 को श्री. कुशाग्र पाठक, उप निदेशक (बफर), डॉ. कुंदन पोडचलवार, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरपम, पशु चिकित्सा पदाधिकारी, पंचायत समिति, सिंधवाही, श्री. बंडू धोत्रे, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि श्री. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) के प्रतिनिधि श्री मुकेश भंडारकर। विवेक करंबेलकर, मानद वन्यजीव वार्डन, चंद्रपुर जिले ने घटनास्थल का दौरा किया और मृत बाघिन का निरीक्षण किया और चिकित्सा परीक्षण किया। उसके बाद पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. तद्नुसार घटना स्थल पर डॉग टीम द्वारा जांच, आगे की निगरानी एवं अन्य आवश्यक कार्रवाई श्री. उपनिदेशक (बफर) कुशाग्र पाठक के मार्गदर्शन में वन परिक्षेत्र अधिकारी सिलाई का कार्य कर रहे हैं।
एक बाघ शावक (मादा) मृत पाया गया।
ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में मोहरली वन अभ्यारण्य में अगरजारी के कमरा नंबर 189 में दिनांक 01/12/2022 को लगभग 6-7 माह का एक बाघ शावक (मादा) मृत पाया गया। उक्त मादा शावक टी-60 बाघिन की प्रतीत हो रही है। खबर सुनते ही मि. बापू येले, सहायक वन संरक्षक श्री. संतोष थीपे, वन परिक्षेत्र अधिकारी मोहरली, डॉ. कुदन पौडचालवार, पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. संजय चव्हाणे, पशु चिकित्सा अधिकारी, श्री. बंडू धोत्रे, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि श्री. मुकेश भंडारकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) के एक प्रतिनिधि ने घटनास्थल का दौरा किया और मृत बाघ शावक (मादा) का निरीक्षण किया और मृत शावक को चिकित्सकीय परीक्षण और पोस्टमार्टम के लिए ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर, चंद्रपुर लाया गया और डॉ. जितेंद्र रामगांवकर, क्षेत्रीय निदेशक, ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व की मौजूदगी में शव परीक्षण कर आवश्यक सैंपल जांच के लिए लिए गए। शरीर पर निशान और घटनास्थल की स्थिति से जाहिर है कि उक्त शावक की मौत दूसरे नर बाघ के हमले में हुई है. तदनुसार, घटना स्थल पर आगे की निगरानी एवं अन्य आवश्यक कार्रवाई श्री. कुशाग्र पाठक के मार्गदर्शन में उप कुलपति (बफर) श्री. मोहरली करते वन परिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे