चंद्रपुर शहर के बीचोबीच रघुवंशी कॉम्प्लेक्स में शहर के नामी व्यवसायी के बार में धडल्ले से बिक रही ई -सिगरेट।

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चंद्रपुर, 9 नवंबर, सुनील तायडे
चंद्रपुर शहर के बीचोबीच रघुवंशी कॉम्प्लेक्स में शहर के नामी व्यवसायी ने पब बार खोला है। वैसे तो पब के नियमो के अनुसार सभी कानुनोको ना मानते हुए पब में खुलेआम प्रतिबंधित ई सिगरेट बेची जा रही है।
वैसे इस पब आप सिगरेट नहीं पी सकते मगर उसी पब में आप 800 रुपए से 3000 रुपए की ई सिगरेट खरीद कर पी सकते है। जो बीयर बेची जाती है, उसकी कीमत मार्केट से कई गुना ज्यादा होती हैं। ये पब भी ई सिगरेट का अड्डा है और यहां धडल्ले से इस निकोटिन युक्त सिगरेट की बिक्री होती है। इसके सबसे बड़े खरीददार महाविद्यालयीन युवक युवतियां होती है। वहापर आप जमकर ई सिगरेट के छल्ले छोड़ते हुए डांस भी कर सकते है। वहा नजारा देखकर चंद्रपुर अभिभावोमे डर का माहौल पैदा हुवा है। ई सिगरेट को युवक युवतियां कमसे कम 3 माह तक इस्तेमाल कर सकते है। या 2 हजार से 3 हजार सिगरेट के कश ले सकते है।
अब हम ये भी जानेंगे की ई सिगरेट क्या होती है ? और भारत में इसे प्रतिबंधित क्यों किया ?

ई-सिगरेट एक डिवाइस है जो साधारण सिगरेट की तरह दिखता है. ई-सिगरेट का बाहरी भाग सिगरेट और सिगार के समान बनाया गया है. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक बैटरी से चलने वाला डिवाइस है जो निकोटीन के घोल को धुएं में परिवर्तित कर देता है. इस धुएं को परम्परागत सिगरेट की तरह फेफड़ों तक लाया जा सकता है. ध्यान रहे कि ई-सिगरेट में तंबाकू नहीं होती है लेकिन इसके पीने वालों को यह एहसास होता है कि वे असली सिगरेट पी रहे हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 सितंबर 2019 से देश में ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, निर्यात, आयात, विज्ञापन, भंडारण पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है.
क्या ई-सिगरेट हानिकारक है ?
किंग्स कॉलेज लंदन में तंबाकू एडिक्शन का अध्ययन करने वाले प्रोफेसर एन. मैकनील का कहना है कि “जब लोग तम्बाकू सिगरेट पीते हैं, तो वे अपने अंदर धुएं के 7,000 घटक अपने अन्दर ले जाते हैं, जिनमें से 70 को कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है. ये तत्व ई-सिगरेट में कम मात्रा में होते हैं. इसलिए हम कह सकते हैं कि ई-सिगरेट तंबाकू सिगरेट की तुलना में कम हानिकारक है. लेकिन यह सच है कि ई-सिगरेट भी हानिकारक है।

ई-सिगरेट नियम उल्लंघनकर्ताओं के लिए सजा का प्रावधान।

पहली बार ई-सिगरेट के लिए बनाये प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों पर एक लाख रुपये का जुर्माना और एक साल की सजा हो सकती है. बार-बार अपराध करने वालों के लिए 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना होगा.
इसलिए उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट है कि ई-सिगरेट स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है. शायद यही कारण है कि केंद्र सरकार ने देश में पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.

अक्तूबर माह में स्कूली बच्चों को ए सिगरेट पीते हुए स्कूल प्रबंधन ने देखा था, और इसकी शिकायत पर पुलिस ने कारवाई कर ई सिगरेट बेचनेवालो को गिरफ्त में लेकर थाने भी लाया था, मगर क्या हुवा इसकी कोई खबर नहीं है। इसके बावजूद चंद्रपुर में भी ई सिगरेट की खुलेआम बिक्री हो रही है। इस धंधे में बड़े पंछी लिप्त है और अभी अगर प्रतिबंध नही लगाया तो आनेवाली पीढ़ी बर्बाद होने को समय नहीं लगेगा। चंद्रपुर पुलिस अधीक्षक ऐसे व्यापार पर नकेल कसने कितने कामयाब होंगे ये आनेवाला समय ही बता पाएगा।

 

सुनील तायडे